मेरा व्यक्तिगत अनुभव
हैलो दोस्तों, मेरा
नाम सुमित गुप्ता है और मेरी उम्र 21 वर्ष है। और मैं सीखने का बहुत इच्छुक हूं,
और मैं एक बेहतर इंसान बनना चाहता हूं।
मुझे Life के बारे में इतना ज्यादा Experience तो नहीं है कि मैं आपके साथ Share कर सकूं But जो चीजें मैं Notice करता हूं, पढ़ता हूं और अपनी
सोच के अनुसार जितना मैं किसी चीज को समझ पाता हूं उसके बारे में मैं आप लोग के
साथ Discussion करना चाहता हूं कि जो
मेरी सोच है और जो मेरे
विचार है वो क्या वास्तव में सही है या केवल मैने अपने मन में ये मान रखा है। तो
चलिये देखते हैं, और हां, जहां सुधार कि जरूरत हो या कुछ चीजें मैने गलत
लिखी हो जो वास्तव में सही न हो But मुझे लगती हो आप उन चीजों के बारें में
हमें Comment Box में जरूर बतायें। और हां यदि आपको लगता है
कि इस चीज को और भी सही तरीके से लिखा जा सकता है, तो भी हमें जरूर बतायें।
· छोटी- छोटी चीजें जो होती है कई बार हमको लगता
है कि इनका कोई मतलब नहीं होता लेकिन कभी-कभी वो चीजें हमारे लिए या किसी और के
लिये बहुत महत्वपूर्ण साबित होती हैं।
·
हमको अपने व्यस्त समय में से कुछ समय निकलकर कुछ
ऐसा काम भी करना चाहिए जिससे हमको भले ही वर्तमान में उससे कुछ लाभ मिले या न मिले
लेकिन भविष्य में वो चीज हमारे काम आ सके।
·
अगर हम सुबह के समय अपना कोई जरूरी काम या कोई
भी महत्वपूर्ण काम जो हमारे लिये जरूरी हो या कुछ सीखने में अपना कुछ समय देते हैं
तो हम दिनभर सामान्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा खुश रहते हैं।
·
हमें ना किसी चीज को सही मानना है और न ही किसी
चीज को गलत ठहराना है बस हमें हर चीज को समझना है।
· आज कल हर व्यक्ति
अपने आप को समझदार मानता है, मानना भी चाहिए। लेकिन हमारी समझदारी वहां पास खत्म हो जाती
है जब यदि कोई व्यक्ति हमें कुछ बता रहा है और हम उसे यह समझने लगते है कि यह हमें
ज्ञान दे रहा है। असल में होना यह चाहिये
कि पहले हमें उसकी बातों को सुनना चाहिये और अगर कुछ उसमें हमारे लिये लाभदायक चीज
है तो हमें उसे ग्रहण करना चाहिये।
Note- यह स्थिति अधिकतर उस
पर लागू होती है जो कुछ पुस्तकों का अध्ययन करता है या फिर जो अपने को कुछ ज्यादा
समझदार मानता है। (जैसे मैं समझता था।)
·
हर इंसान को अपनी तारीफ अच्छी लगती है, तो हो सके तो हमें दिन में कम से कम एक व्यक्ति
की तारीफ तो जरूर करनी चाहिये। क्योंकि इससे उस व्यक्ति की नजरों में आपकी इज्जत
भी बढ़ती है और सामने वाले को भी बहुत खुशी मिलती है।
·
हम अगर किसी के लिये कुछ भी अच्छा काम करते हैं
तो हमें कभी भी दिमाग में यह नहीं बैठाना चाहिये, कि वह हमारे लिये भी अच्छा काम करेगा।
·
हमें प्रत्येक दिन कुछ न कुछ जरूर सीखना चाहिये
या कोई ऐसा काम करना चाहिये जिससे हमें वास्तव में खुशी मिलें न कि क्षणिक सुख।
·
कई बार ऐसा होता है कि हम किसी मित्र कोई रिश्तेदार
या फिर कोई भी खास व्यक्ति को इतना सही मानने लगते हैं कि हमें उसकी हर बात सही
लगने लगती है और हम उस पर बिना सोचे समझे उस राह पर चल देते है। और अपना दिमाग
लगाना बंद कर देते हैं। वैसे देखा जाये कि हमारे लिये क्या सही है तो इसका अनुमान
हमसे बेहतर और कौन लगा सकता है।
इनमें आपको जहां भी
सही या गलत लगे हमें जरूर बतायें ताकि हम उस चीज को और भी अच्छी तरह जान सके और
समझ सकें। और यदि आपके पास भी अपनी Life से Related कोई भी जानकारी हो जो आपने खुद Experience की हो तो
हमें जरूर बतायें। धन्यवाद!
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