ये चमक ये दमक, तेरे दरबार की भजन लिरिक्स ||

🌺 माँ भवानी के श्रंगार की शोभा 🌺

यह भक्ति गीत माँ भवानी के दरबार की चमक-दमक, उनके अलौकिक श्रंगार और करुणामयी स्वरूप का वर्णन करता है। 🌸
माँ की मुस्कान के आगे सूरज भी फीका है और उनका आंचल तीनों लोकों पर छाया हुआ है। 🙏


🎶 भक्ति गीत 🎶

ये चमक ये दमक, तेरे दरबार की,
शोभा बरनी ना जाए, तेरे श्रंगार की ॥

 

तेरी मुस्कान पे है ये सूरज फिदा,
सारे जग में निराली है तेरी अदा,
चाँद सी रौशनी है तेरे हार की,
शोभा बरनी ना जाए, तेरे श्रंगार की ॥

 

है ये चौदह भुवन में बसेरा तेरा,
तीनो लोको में छाया दे आँचल तेरा,
सारी दुनिया है प्यासी तेरे प्यार की,
शोभा बरनी ना जाए, तेरे श्रंगार की ॥ 

 

है ये करुणामयी माँ भवानी है तू,
मेरे जीवन की अनमिट कहानी है तू,
क्या मै महिमा बखानु तेरे उपकार की,
शोभा बरनी ना जाए, तेरे श्रंगार की ॥

 

ये चमक ये दमक, तेरे दरबार की,
शोभा बरनी ना जाए, तेरे श्रंगार की ॥


Singer – Shahnaz Akhtar


यह गीत माँ भवानी की महिमा, करुणा और आभा का अनुपम वर्णन है।
🌷 माँ का दरबार हर भक्त के लिए शक्ति, प्रेम और शांति का अटूट स्रोत है।

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