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Kabir ke dohe in hindi

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  कबीर दास जी निर्गुण निराकर ईश्वर में विश्वास रखते थे। इनका मानना था कि ईश्वर कण-कण में विधमान है। कबीर अपने दोहे और प्रदूषण के द्वारा समाज में अंधविश्वासों को हटाने की कोशिश कर रहे थे। कबीरदास जी ने स्वयं कहा है- “ मरि कागद छुयौ नहिं, कलम गह्रौ हाथ ” अनपढ़ होते हुए भी कबीर का ज्ञान बहुत व्यस्त था। साधु-संतों और फकीरों की संगति में बैठकर उन्होंने वेदांत, उपनिषद और योग का पर्याप्त ज्ञान प्राप्त कर लिया था। सूफी फकीरों की संगति में बैठकर उन्होने इस्लाम धर्म के सिद्धांतों की भी जानकारी कर ली थी। देशाटन के द्वारा उन्हें बहुत अनुभव हो गया था। कबीर दास जी के दोहे समाज को आईना दिखाने का काम करते हैं। कबीर साहब के दोहे उन तमाम कुरीतियों और असमानताओं पर कड़ा प्रहार है जिसने हमारे समाज को बुरी तरह जकड़ कर रखा है। Kabir Das Ji ke Dohe   आज भी पथ प्रदर्शक के रूप में प्रासंगिक है। संत कबीर के दोहे (Sant Kabir Ke Dohe)   समाज को एक नई दिशा देने का कार्य करते हैं। जो Kabir ke Dohe को जीवन में उतारता है, वो कभी सांसारिक मोहमाया के कारण दुखी नहीं होगा। और उसे निश्चय ही मन की शांति प्राप्

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लोकप्रिय स्टेटस शायरियां हैलो दोस्तो कैसे है आप ? आज हम आपके लिए फिर से कुछ बेहतरीन शायरी स्टेटस और अनकही अनसुनी बातें लेकर आयें है। वो कहते है ना इश्क ने बहुत तबाही मचा रखी है कुछ को पागल तो कुछ को शायर बना रखी है. आज हम आपके लिए ऐसे ही कुछ दिलचस्प किस्से व शायरी लेकर आये हैं। जो कि आपके दिलों को छूं जायेंगे। दोस्तों एक गुजारिश है कि जब भी आप इन्हें पढें तो थोड़ा समय लेकर पढ़े क्योंकि जो हम 2 Seconds में पढ़ लेते हैं। उन्हें लिखने में काफी समय लग जाता है। आज हमने अनुभवों दिल के जज्बातों को आपके सामने पेश किया है। ऑल टाइम फेवरेट कोट्स पर्दा तो शर्म का ही काफी है वरना इशारे तो घूंघट में भी होते हैं। बस लिबास ही तो महंगा हुआ है, लोग तो आज भी 2 कौड़ी के हैं। पवित्रता तो सिर्फ नफरत में है, प्यार में तो लोग कपड़े उतार देते है। बदल गई है रंगत जमाने की जनाब आजकल वही अजनबी बनते हैं जो सब कुछ जानते हो। खुदा शायरी स्टेटस सिर हो सजदे में मगर दिल में दगाबाज़ी हो, ऐसे सजदों से भला कैसे खुदा राज़ी हो। Respect Girl Status वह थक गई थी